मुझे गर्व हैं.....................
मुझे गर्व हैं.....................
मुझे गर्व हैं कि मैं भारत देश की नारी हूँ
एक ऐसी नारी जो हर तरफ से शोषित
अपने अधिकारों से वंचित
वीभत्स पुरुष की क्षुधा मिटाने का माध्यम
एक नपुंसक कानून की व्यथा
छपती हूँ अख़बार बनकर एक खबर
हाय ! मैं हर पाठक की नज़रों में बेचारी हूँ
मुझे गर्व है कि मैं भारत देश की नारी हूँ
मैं चाँद पर भी पहुंची एवरेस्ट भी फ़तेह किया
खुश थी महिला दिवस मनाकर मुझे दिया सम्मान
अब क्यों मूक हैं यह देश
जब हर गाँव, हर शहर में मेरा हो रहा अपमान
अबला से सबला ऐसी बनी
कि आ
ज हर बाप की चिंता और माँ की आँख का पानी हूँ
मुझे गर्व है कि मैं भारत देश की नारी हूँ
मुझे इन्साफ के लिए खुद ही लड़ाई लड़नी पड़ती हैं
आत्महत्या के नाम पर इस आज़ाद भारत में अपनी क़ुरबानी देनी पड़ती हैं
मुआवजा भी मिल जाता हैं मेरी शहीदी पर
परिवारवाले भी सोचते हैं
चलों जाते-जाते तरस खा गयी हमारी गरीबी पर
संसद में चर्चा, पुलिस की रिपोर्ट का परचा
इन नेताओं का चुनावी मुद्दा
आखिर चलती सरकार को गिराने की तैयारी हूँ
मुझे गर्व है कि मैं भारत देश की नारी हूँ।