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प्रवीन शर्मा

Tragedy

4  

प्रवीन शर्मा

Tragedy

तुम जरूर जाना

तुम जरूर जाना

1 min
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आज क्या हुआ तुझे, क्या कहती है

तुझे कैसे समझाऊं बस तू ही दिल मे रहती है

मुझे लड़कियां बस दूर से ही पसंद आती है

एक तू ही है जो मेरी बाहों में भली लगती है


तुझे रोज रोज मुझसे लव यू क्यों सुनना है

प्यार है तो है इसमें रोज शक क्या करना है

नेम प्लेट टांग देता अगर मेरा दिल घर होता तो

मेरी सच्ची बातें भी क्यों झूठ में तली लगती है


वो ऐसा करता है उसके लिए, तो करने दे ना

मेरी बातों पर नही तो मुझ पर यक़ी कर ले ना

पैसे से प्यार खरीद सकते तो आधी दुनिया फ़क़ीर होती

भूल जा मुझे अगर गैर की आंखे मखमली लगती है


मेरे प्यार को मैं अच्छे से जानता हूं, शायद तुम नही

मैं उस मोड़ पर खड़ा हूँ मोहब्बत नही तो मैं नही

मेरा क्या है जहाँ से आया लौट जाऊंगा वहीं

तुम जरूर जाना वहाँ, जहाँ प्यार की बोली लगती है.



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