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प्रवीन शर्मा

Tragedy

4  

प्रवीन शर्मा

Tragedy

आखरी पल

आखरी पल

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मेरे जिंदगी के आखरी पल है,मुझे जी लेने दे।

कल मेरी शादी है मेरी सांसो को,शरीर के कफन में सी लेने दे।


कह तो रही हूँ हमारा साथ यही तक था,

रोने न दे आंसुओ का सैलाब जहाँ है वही रहने दे।


अगले जनम में इंतजार करना मेरा,

अभी दुश्मन जिंदगी के हाथो जहर पी लेने दे।


प्यार खुदा की नेमत है, मैंने पलको पर सजा लिया,

अब इसकी सजा में मिली कैद तो ये भी लेने दे।


मैंने मेरी खुशी से तेरा सदका उतारा है, खुश रहना,

पता है दुआ लगे, मुश्किल है, फिर भी कर लेने दे।


तेरी तबियत खराब हो जाती है, देख रोना मत,

इस पल हूँ, सभी आंसू मेरी पलको पर गिरा लेने दे।


साथ तेरा मांगा खुदा से हर पल, सिला मिल गया,

कुछ नही देखना तेरे सिवा आंखों में समा लेने दे।


तू कहता था मैं तेरी हिम्मत हूँ , साथ हूँ, क्या हुआ,

इस लाश को आखरी बार तेरे होंठो को छू लेने दे।


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