तुम कब आओगे
तुम कब आओगे
मेरे इस दीवाने दिल को
कब तक ऐसे तड़पाओगे
सच बतलाओ तुम कब आओगे।
गुनगुनाते थे अक्सर तुम
देखकर मुझको जो गीत
गीत वो कब गुनगुनाओगे
सच बतलाओ तुम कब आओगे।
तरस गई आंखें सनम तेरे दीदार को
झलक अपनी कब दिखलाओगे
सच बतलाओ तुम कब आओगे।
हर पल बेचैन रहता दिल मेरा
तेरे मिलन की आस में
सीने से मुझे कब लगाओगे
सच बतलाओ तुम कब आओगे।
उम्र भर साथ निभाने का
वादा किया था तुमने एक रोज
वादा अपना कब निभाओगे
सच बतलाओ तुम कब आओगे।
दिन जिंदगी के हैं बहुत थोड़े
सूरत अपनी कब दिखलाओगे
सच बतलाओ तुम कब आओगे।

