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Arunima Bahadur

Romance

4  

Arunima Bahadur

Romance

प्रियतम की खोज

प्रियतम की खोज

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सजल नयन से,

विह्वल मन से,

याद बहुत ही करते हैं,

प्रियतम कभी पुष्पो,

कभी पक्षी से,

बात तेरी ही करते हैं,

खोया नहीं तू,

पास है मेरे,

मेरे कण कण में रहता है,

मैं तेरा हूँ, मैं तेरा हूँ,

पल पल बस ये कहता है

सुंदर उपवन में,मस्त पवन में,

तू हर कण कण में रहता है,

कहाँ जाऊ,और क्यो मैं खोजू,

तू इस तन मन का स्वामी है,

तुझे खोजने जाने कितनों ने,

पूरी दुनिया छानी है

पर तू अंतस का वासी,

न जाने ये प्यारे हैं,

सुध बुध कर्तव्यों की भुला,

खोजते फिरे ये सारे हैं,

तू तो उन दुखियो में विराजे,

सेवा से मिल पायेगा,

जाने न ये भटका राही,

वो कैसे तुझे पाएगा,

वो कैसे तुझे पाएगा।।

 


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