गज़ल – प्यार की महक |
गज़ल – प्यार की महक |
तुम्हारे प्यार की महक अभी बाकी है
दूरिया ही सही तेरी याद अभी बाकी है
रहे जहा बनके चाँद तू चमकता रहेगा
तू पास रहे न रहे धमक तेरी बाकी है
जिंदगी रेत सही बना लो घरौंदा मुझे
मै जुगनू ही सही चमक अभी बाकी है
याद करोगे जब भी पास मुझे पाओगे
मचल कर आओ चाहत अभी बाकी है
बिरान जिंदगी तेरी गुलशन बना दूंगा
जहां हो चर्चा तेरा ललक अभी बाकी है
तेरे सिवा नजरों मेरे कोई टिकता नहीं
तेरी दीवानगी की सनक अभी बाकी है
कहकर बेवफा गुनाहगार न बना मुझे
साथ जीने मरने की बहक अभी बाकी है
कर के इतनी मोहब्बत पागल न बन तू
परवाना हूँ जल जाने दहक अभी बाकी है।

