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shilpa kumawat

Romance

4.3  

shilpa kumawat

Romance

प्रेम की नैया

प्रेम की नैया

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तू है गगन विस्तार तो मैं एक तारा क्षुद्र हूँ।

तू है महासागर अगम, मैं एक धारा क्षुुद्र हूँ।।

तू महानद तुल्य तो मैं एक बूंद समान हूँ।

तू है मनोहर गीत तो मैं उसकी एक तान हूँ।।


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