किताबे करती है बातें
किताबे करती है बातें
किताबें करती है बातें बीते जमानो की,
दुनिया की, इंसानों की आज की कल की
एक पल पल की खुशियों की गमों की फूलों की
बमों की जीत की हार की प्यार की मार की I
क्या तुम नहीं सुनोगे इस किताबों की बातें?
किताबें कुछ कहना चाहती हैं ।
तुम्हारे पास रहना चाहती है ।
किताबों में चिड़िया चहचाहती है
किताबों में खेतिया लहलहाती है।
किताबों में जुड़ने गुनगुनाते हैं
परियों के किस्से सुनाते हैं
किताबों में रॉकेट का राज है
किताबों में साइंस की आवाज है
किताबों का कितना बड़ा संसार है
किताबों में ज्ञान की भरमार है
क्या तुम इस संसार में नहीं जाना चाहोगे
किताबें कुछ कहना चाहती हैं
तुम्हारे पास रहना चाहती है
