थे खेलो लाल गुलाल
थे खेलो लाल गुलाल
थे खेलो लाल गुलाल, होली नित आवे।
थे चलो प्रेम की चाल, होली नित आवे।
कीचड़ माटी थे ना उड़ाओ,भेदभाव को दूर भगाओ।
बणो देेेश रा लाल ,होली नीत आवे ॥ १||
थे खेलों लाल गुुुुलाल..
प्रेम ज्ञान की भर पिचकारी, होली होली खेलो पुजारी ।
हो जावे देश निहाल,होली नित आवे॥ २||
थे खेलो लाल गुलाल
चंद्रगुप्त बाकों मतवालों, कर्या सिकंदर को मुंह कालो ।
एहड़ी चालो चाल,होली नीत आवे ॥ ३||
थे खेलों लाल गुुुुलाल..
होली खेली लक्ष्मी बाई, गोरा ने बा खड़ग दिखाइ ।
उठो जवानों आज होली नित आवे॥ ४||
थे खेलो लाल गुलाल
देश पर देनी कुर्बानी,भगत सिंह का बन अनुगामी ।
तरुण वृद्ध और बाल,होली नित आवे॥ ५||
थे खेलो लाल गुलाल