मेरे अल्फाज
मेरे अल्फाज
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कहना जरूरी है,
वैसे ही सुनना भी जरूरी है।
जरूरी है भाव व्यक्त करना।
जैसे चलना जरूरी है
जरूरी है ठहराव भी,
जरूरी है, देखना लहरों को आते जाते।
जैसे साथ जरूरी है,
जरूरी है वियोग भी।
प्रेम में
निकटता जरूरी है,
तो जरूरी है दूरी भी।
संवाद जरूरी है,
प्रेमी से भी
और खुद से भी।
