जानकी
जानकी
शब्द-शब्द, अर्थ-अर्थ का है मान जानकी
भाव के अभाव का है सम्मान जानकी
राम की तलाश थी ,प्रीत की जो आस थी
राम के अभाव में एक जीवंत लाश थी
प्रेम के अनंत का है प्रमाण जानकी
भाव के अभाव का है सम्मान जानकी
राम की जो जीत थी स्वंय ही विजित थी
राम के विराग का एक वहीं संगीत थी
प्रणय के अध्याय का है नव विधान जानकी
भाव के अभाव का है सम्मान जानकी
वक्त के जवाब का एक वहीं सवाल थी
राम की थी वीरता वो धीरता सी ढाल थी
रामराज्य के युगों में है महान जानकी
भाव के अभाव का है सम्मान जानकी।