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DINESH JOSHI

Others

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DINESH JOSHI

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मैं और तुम

मैं और तुम

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मैं तो अतीत गीत हूँ, तुम सरगमों का सार हो

मैं साधना को साधता, तुम प्रणय का आधार हो

मैं रंग चुनने को चमन की, चांदनी को ताकता

तुम सुर्ख रंगी चांद हो और चंद्रिका साकार हो

मैं तो अतीत गीत हूँ, तुम सरगमों का सार हो

तुम हो इबादत का असर, मैं मनोरथों की कामना

मैं मौन भावों की गजल, तुम शब्द-शब्द उपहार हो

मैं तो अतीत गीत हूँ, तुम सरगमों का सार हो


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