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Deepshikha Nathawat

Abstract

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Deepshikha Nathawat

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चाह है मुझे

चाह है मुझे

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चाह है मुझे! आजादी से खुले आसमां में उड़ने की

चाह है मुझे! खुलकर हंसने और जी भर मुस्कुराने की

चाह है मुझे! सुख से जीने और सुखी संसार बसाने की

चाह है मुझे! कुछ बनने और अपने सपने पूरे करने की

चाह है मुझे! किसी काम आने, किसी का दर्द मिटाने की

चाह है मुझे! सफलता पाने की अपना जीवन सजाने की

चाह है मुझे! अपनी भूल सुधारने और पूरा सम्मान पाने की

चाह है मुझे! दिल खोलकर जीने और सुकून से मर जाने की


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