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Deepshikha Nathawat

Abstract Romance

4.5  

Deepshikha Nathawat

Abstract Romance

इंतज़ार

इंतज़ार

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तू मिलेगा एक दिन मुझे ये आस लगा रखी है

मैंने दिल में आज भी तेरी तस्वीर सजा रखी है

मिले थे जब पहली बार लगा था तू अपना सा

आज हूँ ऐसे मुकाम पे तू लगे मुझे सपना सा

कैसे हो जाऊँ मैं तेरी तू बतादे मुझे इतना सा

तू मिलेगा एक दिन मुझे ये आस लगा रखी है

मैंने दिल में आज भी तेरी तस्वीर सजा रखी है

तेरा प्यार लगता है मुझे आज भी सच्चा सा

सोचा है मैनें तेरा मैं कोई नाम रखूं अच्छा सा

तेरा दिल खेले मेरे दिल से तो लगे बच्चा सा

तू मिलेगा एक दिन मुझे ये आस लगा रखी है

मैंने दिल में आज भी तेरी तस्वीर सजा रखी है। 



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