STORYMIRROR

Deepshikha Nathawat

Abstract Romance

3  

Deepshikha Nathawat

Abstract Romance

प्रेम व्यथा

प्रेम व्यथा

1 min
153

इस अप्रैल की चुभती धूप में

तुम्हारा प्रेम ही मुझे छांव देता है 


तेरे होने का मुझे आभास देता है

क्या तुझ तक नहीं पहुंची मेरी पीर ? 


मेरे होने का भी तुझे अहसास देता है

ये प्रेम की व्यथा नहीं तो और क्या है


तू बहुत दूर है पर हमेशा मेरे पास रहता है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract