माँ
माँ
आ जा माँ तेरी लडडू की आज आँखे नम हैं
याद आती है माँ बहूत तेरी कैसे तु अंजान है
तेरे बिना ये जीवन मेरा माँ केवल एक भ्रम है..
कुछ भी सोचूं आता बस तेरा ही ख्याल है माँ
सारी दुनिया मिल जाए चाहे पर तेरे आगे कम है
क्यो तन्हा छोड़ गई क्यों तू मुख अपना मोड़ गई
तू मिल जाए तो सब मिल जाए फिर क्या गम है
आए मुसीबत कोई भी मैं लड़ जाऊंगी सब से
हाथ है तेरा मेरे सर पर मुसीबतों मे क्या दम है
तेरे आगे तो ईश्वर ने भी अपना सर झुकाया है
तू ही मेरी पूरी दुनिया तुझसे ही तो आज हम है.