भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार
फैल रहा है चारों तरफ घना लालच का बाजार
कितनी भी कोशिश कर लो कम ना होगा भ्रष्टाचार
चाहे करवाना हो दाखिला चाहे हो कोई जमीन का मामला
देनी होगी मोटी रिश्वत तभी होगा हल ये मामला
फैल रहा है चारों तरफ घना लालच का बाजार
कितनी भी कोशिश कर लो कम ना होगा भ्रष्टाचार
अयोग्य को मिलता है पद भ्रष्टाचार के बल पर
योग्य लटक जाता फांसी पर हार के अपना सब्र
फैल रहा है चारों तरफ घना लालच का बाजार
कितनी भी कोशिश कर लो कम ना होगा भ्रष्टाचार
गरीब और हो रहा गरीब अमीर हो रहा और अमीर
भ्रष्टाचार ने फैला दी है चारों तरफ अपनी जंजीर
फैल रहा है चारों तरफ घना लालच का बाजार
कितनी भी कोशिश कर लो कम ना होगा भ्रष्टाचार
नेता दिखते चुनावों के समय वोट मांगते फिर हो जाते छूमंतर
भ्रष्टाचार से खुब कमाते पैसा और दिखाते खुद को बेहतर
फैल रहा है चारों तरफ घना लालच का बाजार
कितनी भी कोशिश कर लो कम ना होगा भ्रष्टाचार।
