शरद
शरद
देखो शरदऋतु आई,
जीवन में नया रंग है लाई,
होंठो पर मुस्कान है आई,
दिलों में बेशुमार प्यार लाई,
दिप जले,घर सजे,और कही बजे शहनाई,
त्योहारों की रोनक लाई,
मिठाइयों और तोहफे से घर सजे,
देखो शरद ऋतु है आई,
खिल खिले हैं फूल रंग बिरंगी,
बागों में भी बहार छाई
ठंडी ठंडी पुर्वैया ने
सब के चहेरे पर रोनक लाई।