STORYMIRROR

Jeetal Shah

Abstract Romance

4  

Jeetal Shah

Abstract Romance

शरद

शरद

1 min
286

देखो शरदऋतु आई,

जीवन में नया रंग है लाई,

होंठो पर मुस्कान है आई,


दिलों में बेशुमार प्यार लाई,

दिप जले,घर सजे,और कही बजे शहनाई,

त्योहारों की रोनक लाई,


मिठाइयों और तोहफे से घर सजे,

देखो शरद ऋतु है आई,

खिल खिले हैं फूल रंग बिरंगी,

बागों में भी बहार छाई


ठंडी ठंडी पुर्वैया ने

सब के चहेरे पर रोनक लाई।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract