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Taj Mohammad

Abstract

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Taj Mohammad

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गैर बनते देखा है।

गैर बनते देखा है।

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भीड़ में अक्सर ही उनको अपने से गैर बनते देखा है।

कोई जाकर उनसे पूछे आखिर इसकी भी क्या वजह है?।।1।।


उनको लगता है खुदा ने उनको यूं ही माफ कर दिया।

सुन गैर समझने वाले काम तुझको जो आई मेरी ही दुआ है।।2।।


किसी रिश्ते को ना बांधो रिवाज-ओ-कानून के दायरे में।

किसी बच्चे को यूँ मां से ऐसे दूर करना भी एक सजा है।।3।।


अक्सर तन्हाई में जाकर मेै जिये बीते लम्हों को सोचता हूं।

उनकी यादों की सोहबत का अपना अलग ही इक मजा है।।4।।


मेरे आस-पास होने से तू अपनों में बदनाम हो जाएगा।

छोड़ दे तू मुझको तेरी ख़ातिर मेरी भी दिल से यही रजा है।।5।।


हर इंसान की एक उम्र है वह मैदानें हस्र को जाएगा जरूर।

समझाओ कोई उनको उसकी मौत पर ये शोर क्यों मचा है?।।6।।


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