मृत्यु
मृत्यु
मृत्यु एक विराम तो नहीं,
कुछ पल का विश्राम हैं।
यह एक अंत नहीं यात्रा का,
एक नई शुरुआत है।
वह दिवंगत जो गया वसुधा से,
अनगिनत पद चिन्ह छोड़ गया,
सिखा कर इन पद चिन्हों से,
कितना हमें प्रेम दिया।
क्यों फिर विषाद, क्यों विलाप,
यात्रा सफल होने दो,
यात्रा के इस पड़ाव पर,
उसे शांति से जाने दो।
अजर, अमर तो है आत्मा,
सदा ही संग अपने है,
अपने जीवन दर्शन से,
वह मार्गदर्शक अपने है,
चलो सीख ले उन सभी से,
जो वसुधा से चले गए,
कर्मों की लकीरें बना,
सीख हमको दे गए,
आज खोजे कुछ पुस्तकों में,
उन प्यारे से साथियों को,
कुछ अनछुए से पल जो,
हमें सदा को दे गए।।
