नजरों का जादू
नजरों का जादू
आज भी इस मौसम का जादू बरकरार है।
दिल में तेरे प्यार की नमी बेशुमार है।
आज भी जब तुम मेरी तस्वीर देखते हो,
उस नजर का एहसास
आज भी मेरी शर्म से पलकें झुका देता है।
बार-बार फिर में उस तस्वीर को देखती हूं,
सुन्दर तो है न ये सोचती हूं।
थोड़ी गर्मी थोड़ी सर्दी ये शरद ऋतु का एहसास,
अपने माथे पर आई पसीने की बूंदों में
ठंडी हवा सा महसूस करती हूं।
तू छोड़ गया जो इक नजर मेरे चेहरे पर
उस नजर से आईने में उभरे अक्श का
मैं रोज श्रृंगार करती हूं।

