मुझे अपनी तस्वीर खींचनी है
मुझे अपनी तस्वीर खींचनी है
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मुझे अपनी तस्वीर खींचनी है
तुम्हारी आंखों से,
मुझे अपनी चुप्पी तोड़नी है
तुम्हारी बातों से
मुझे खुद को संवारना है
तुम्हारे आईने में
मुझे डूब जाना है
तुम्हारी बाहों में
कहां हो तुम
किधर खो गए हो
जग रहे हो मेरे साथ
या सो गए हो
मुझे ख्वाब देखने हैं
तुम्हारी आंखों से
मुझे साज सुनाने है
तुम्हारे होंठों से
मुझे अपनी तस्वीर खींचनी है
तुम्हारी आंखों से
मुझे अपनी बातें कहनी है
तुम्हारी बातों से।