क्यों मां?
क्यों मां?
क्यों मुझसे नाता तोड़ दिया?
यूँ ठंड में अकेला छोड़ दिया।
क्या गलती थी मेरी,मुझे नहीं पता
माँ क्यों दी तुमने,मुझे इतनी बड़ी सज़ा।
ठिठुर रही थी,तड़प रही थी,
तुम्हारी गोद को तरस रही थी।
दया न थी मन में तो क्यों मुझे जन्म दिया,
रात भर यूँ ठंड में मुझे ठिठुरता छोड़ दिया।
कपड़े नहीं थे तन पे,
डर बना था मन में।
वे जानवर मुझे नोच न ले,
इस नन्ही-सी जां को कचोट न ले।
फिर ये डर भी खत्म हुआ,
जो रात भर मुझपे सितम हुआ।
नींद आ रही थी मुझे गहरी,
सुबह लग रही थी मुझे सुनहरी।
सो गई थी मैं भी,
और ये संसार छोड़ दिया।
बस एक सवाल बाकी था,
माँ क्यों तुमने नाता तोड़ दिया?