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Sita Suwalka

Tragedy

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Sita Suwalka

Tragedy

२०२१ हुआ बदनाम

२०२१ हुआ बदनाम

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एक ऐसा साल जो हो गया बदनाम, 

कुचल गया कितने ही सपने और अपने, 

बड़े-बड़े ज्ञानियों का ज्ञान भी न बचा पाया बहुतों की जान। 

फिर कभी न आए ऐसा साल, 

जिसमें बिछाए कोई भी बीमारी अपना ऐसा जाल, 


टूट से गए लाखों अरमान, 

बिक गया अच्छे-अच्छों का ईमान, 

सामने भी आए कई अच्छे संस्कार, 

सेवा से की कोशिशें, मिटाने को हाहाकार। 

एक ऐसा साल जो हो गया बदनाम। 


कई मासूमों को कर गया अनाथ, 

न कोई सहारा रहा, ना सिर पर किसी का हाथ। 

एक ऐसा साल जो हो गया बदनाम। 


कहीं नियति का कोई इशारा तो नहीं,

एक ओर जिंदगी थम सी गई, 

दूसरी ओर पंछी चाहचहाने लगे, नदियाँ निर्मल सी हो गई। 


आज भी समय है, देखना होगा प्रकृति का हाल, 

विकास के नाम पर करनी होगी पर्यावरण की देखभाल। 

फिर कभी ना आए ऐसा साल, 

जिसमें बिछाए कोई भी बीमारी अपना ऐसा जाल। 


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