भारतीय संस्कृति
भारतीय संस्कृति
भारतीय संस्कृतियों में हैं अपार ख़जाना,
इस देश के गुणों को किसने नहीं जाना।
फिर क्यों हो रहा हैं अपनी ही धरती पर इसका बहिष्कार,
क्या वेद- पुराण, गीता, बाइबल एवं कुरान से यही मिले हमें संस्कार ?
क्यों भूल जाते हैं हम विभिन्न धर्मों का ज्ञान एवं सभ्याचार,
बार- बार आते हैं मुझे यही विचार।
अपनी ही संस्कृति को भूल कहाँ भागे जा रहे हैं,
दुनिया भर के लोग तो यहाँ आते जा रहे हैं।
माना कि समय के अनुसार बदलना है ज़रूरी,
लेकिन अपनी संस्कृति को ही भुला देना, ये कैसी मज़बूरी ?
जब कोई निभाता है अपने धर्म के रीति - रिवाज,
तो क्यों उठ जाती हैं बेरुख़ी आवाज़।
धर्म के नाम पर मत करो देश का अपमान,
क्योंकि विभिन्न धर्म वालों ने ही दिलाया है मेरे देश को विश्व में सम्मान।
मिलकर अपनाते हैं वसुधैव कुटुम्ब कम से प्रेरित व्यवहार,
आओ निभाते हैं फिर से हमारे पूर्वजों के दिए संस्कार।
