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bhawana Barthwal

Tragedy

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bhawana Barthwal

Tragedy

धार्मिक उन्माद

धार्मिक उन्माद

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धर्म के नाम पे ये क्या किये जा रहे हैं हम

तनिक विचार कर ऐ इन्सान। 

धर्म के नाम पे लडे जा रहे हैं

कल का पता नही पर 

ना जियेंगे ना जीने देगे 

धर्म के नाम पे कत्लेआम किए जा रहे हैं हम 

नारियों का चीर हरण कर गये इन्सान 

फिर गीता ,कुरान पढ़ने का हवाला भी दे गये।

बुद्ध जीवियों की  फौज है मेरे देश में

पर अफसोस होता है की कोई इन्सान  

इन्सानियत का पाठ पढाता क्यों नही।

इन सब को कौन चला रहा है।

इसका ज्ञान नही

पर इन्सान ही इन्सान को गिराये जा रहा है 

इन्सान जाति धर्म के नाम पे चले जा रहा है।

सत्य का कोई ज्ञान नही

देश का क्या भला करेंगे जब बात बात पे 

आन्दोलन किए जाते हों मेरे अपने देश में

जिधर देखती हूँ उधर धर्म ही धर्म हावी है।

पर धर्म का क्या अस्तित्व इनको ज्ञान कहां

ये तो बस धन के मद में चूर हैं

इनको धार्मिकता से क्या लेना देना।

हिन्दू ,मुस्लिम, सिख,ईसाई भाई भाई 

जाने किसने ये झूठ है फैलाया।

ये सब बस इन्सान भी बन जाय यही काफी

धार्मिक उन्माद में नही।

देश सेवा का नशा करो तो बात बने।

पर ये समझेगा कौन

भारत मां का सीना छलनी कर

खुद को देश भक्त कहते हैं 

इन्सान ही इन्सान को नोचे

बदनाम चील कौओं को करते हैं

कुछ तो शर्म करो

 देश के वीर जवानों की सहादत पर हसने वालो

बन्द करो धार्मिक उन्माद का ये झूठ। 

फैलाने वाला ये अफवाहों को।


   


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