यूं न तुमसे
यूं न तुमसे
यूँ न तुमसे कभी दिल की कह पाउँगा,
पर मैं रख लूँगा दिल से तुम्हें जोड़ कर,
आये जैसा भी पल याद रखना सनम,
जाऊँगा न कहीं मैं तुम्हें छोड़कर।
सोचता ही रहा रात भर जाग कर,
आओगी ख्वाब में ख्वाब को तोड़कर,
आएगा फिर सकूँ चैन पाउँगा मैं,
और यादों को सो जाऊँगा ओढ़ कर।
कौन कहता था आसान है ये सफर,
कोई पूछे तो उसको बताउगा मैं।
एक पल में बिखरता है कैसे कोई,
जान लेना कभी आईना तोड़कर।
कोई मुश्किल तुम्हें जब सताने लगे,
मान लेना की संग मैं खड़ा हूँ वहीँ।
देखना हो जो गर फिर मोहब्बत मेरी,
लौट आना न जाना यूँ मुँह मोड़ कर।
हिचकियाँ जब कभी तुमको आने लगें,
सोचना याद मैं कर रहा हूँ कहीं।
मुझ पे करना यकी साथ देना मेरा,
रखना सपनो का मेरा ये घर जोड़ कर।