हाइकु
हाइकु
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प्रभात बेला में हाइकु
मन अंगड़ाई ले
प्रसन्न तन
रात की चादर
तारे ओढ़कर
मुस्कुराते
मधुर रागिनी
हवाओं ने गाई
फिज़ाये मुस्कुराई।
मयूरा मन
नाच उठा तन
प्रसन्न हो कर।