* फूल *
* फूल *
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रंग-बिरंगे
प्रस्फुटित हैं फूल
बागवान में।
प्रफुल्लित है
मन निहार कर
महका तन
कलियाँ खिली
भँवरे मंडराये
लेने पराग।
सूर्य किरण
का पहला स्पर्श
पुष्प चटके।
खिल उठी है
सारी धरती अब
जैसे नयन ।