हम दोनों
हम दोनों
देखो सूर्य अस्त होता है,
आसमान से आगे।
हम चलेंगे साथ-साथ में,
खिलेगे फूल बहारों में।
हम खुद में रहकर खुद का वक्त बिताएं
जमाने की भीड़ से अच्छा है,
खुद से खुद का दिल बहलाएं ।
खामोशी का एक लम्हा,
खुद के साथ बिताये।
सुनहरी रेत पर नंगे पाँव चलें
लहरों को संगीत सुनाएं।
दुनिया में घूम लिए बहुत,
अब घर स्वयं लौट आये।
सबकी बातें छोड़ कर,
खुद से खुद को मिलायें।