STORYMIRROR

Saroj Garg

Tragedy

4  

Saroj Garg

Tragedy

माँ-बाप

माँ-बाप

1 min
266

कितने देवों को पूज कर

माँ-बाप ने तुमको पाया है। 

 नाजो से पाला है तुमको 

तुम उनसे नफरत मत करना। 


 माँ बाप को ठुकराने वाला

दर दर की ठोकर खायेगा। 

माँ बाप को दुख देने वाला

सुख चैन कभी न पायेगा। 


जिनके माँ बाप नहीं है

उनसे जाकर पूंछो तुम। 

जीवन में करो इनकी सेवा

यही तो रूप है ईश्वर का। 


रातों को खुद जागे

चैन से सुलाया है तुमको। 

पहला निवाला तुम्हे खिलाकर

बचा खुचा खुद खाया है।


पर अब तो बेटा बोलता है

मात-पिता खामोश रहे। 

माँ बाप की दुआएं साथ रखो

फिर कौन तुम्हें बिगाड़ेगा।

 सरोज गर्ग नागपुर 

7773974214


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy