होली के बहाने
होली के बहाने
होली के बहाने आई हूँ
तू मुझको रंग लगा ले,
सोऐ हुऐ अरमानों को
तू अपने आज जगा ले,
आज न रोकूँगी तुझको
कर ले अपनी मनमानी,
सराबोर कर दे मुझको
तू रंगो में भर के पानी
होश गवां हुड़दंग मचाऐं
हम दीवारें सारी तोड़ के,
कैसी शर्म हया भी कैसी
चुनर प्यार की ओढ़ के,
मैं तो हुुई दीवानी तेरी
जो भी तू चाहे कर ले,
बरसों तक जो छूटे नहीं
ऐसे अपने रंग में रंग ले,
भर रंग गुलाल हर अंग
तू अंगिया मेरी रंग दे,
पिचकारी के रंग में तू
प्यार भी अपना भर दे।

