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Dr.Pratik Prabhakar

Romance

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Dr.Pratik Prabhakar

Romance

कहानी पढ़ते हैं

कहानी पढ़ते हैं

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चलो अब साथ बैठो

अपनी कहानी पढ़ते हैं


कभी बाढ़ - सुखाङ की

नैनो के हुए सत्कार की

दुखी ना तुम होओ अब

सीढी खुशी की चढ़ते हैं

अपनी कहानी पढ़ते हैं।


अपने अनजाने राहों की

जुड़े कैसे ? धागों की

अब हर रहस्य-रोमांच की

नई कथा -व्यथा गढ़ते हैं

अपनी कहानी पढ़ते हैं।


कैसे हम मिले मिलने लगे

कैसे संग सोने -जगने लगे

तुम मेरे दिल से पढ़ो अब

हम तेरे दिमाग से पढ़ते हैं

अपनी कहानी पढ़ते हैं।


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