कहानी पढ़ते हैं
कहानी पढ़ते हैं
चलो अब साथ बैठो
अपनी कहानी पढ़ते हैं
कभी बाढ़ - सुखाङ की
नैनो के हुए सत्कार की
दुखी ना तुम होओ अब
सीढी खुशी की चढ़ते हैं
अपनी कहानी पढ़ते हैं।
अपने अनजाने राहों की
जुड़े कैसे ? धागों की
अब हर रहस्य-रोमांच की
नई कथा -व्यथा गढ़ते हैं
अपनी कहानी पढ़ते हैं।
कैसे हम मिले मिलने लगे
कैसे संग सोने -जगने लगे
तुम मेरे दिल से पढ़ो अब
हम तेरे दिमाग से पढ़ते हैं
अपनी कहानी पढ़ते हैं।

