नैन में तेरे आने नैन में तेरे आने
जल जीवन नारा मत लगाओ कुछ करो भी। जल जीवन नारा मत लगाओ कुछ करो भी।
मयूरा मन नाच उठा तन प्रसन्न हो कर। मयूरा मन नाच उठा तन प्रसन्न हो कर।
रात की चादर तारे ओढ़कर मुस्कुराते रात की चादर तारे ओढ़कर मुस्कुराते
दोबारा कभी प्रकृति का सौंदर्य देख पाएंगे? दोबारा कभी प्रकृति का सौंदर्य देख पाएंगे?