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Praveen Gola

Romance

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Praveen Gola

Romance

वो रहनुमा मेरी हस्ती का

वो रहनुमा मेरी हस्ती का

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वो रहनुमा मेरी हस्ती का ,

मैं उसकी कद्रदान हूँ ,

हाँ - हाँ ये ज़माना सुन ले ,

वो मेरा और मैं ....

उसकी जाँ हूँ।


उसके आने से ,

इस दिल को करार आए ,

धड़कने बेतहाशा ,

बहुत जोरों से ,

धड़कती जायें।


हाथों में हाथ लिए ,

चूमने एक दूजे को ,

कसम खुदा की ,

सारी कायनात तब ,

सँवरती जाए।


जलने वाले तब ,

जलने का मज़ा और लेलें ,

लबों से उँगलियां जब ,

इस नशीले बदन पर ,

थिरकती जायें।


ज़िस्मों की आग में पिघल ,

उसका रोम - रोम ,

मेरी हस्ती में मिल ,

मुझे दीवाना बना ,

हाँ ... मैं उसकी महरबाँ हूँ!



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