STORYMIRROR

Vikrant Kumar

Romance

3  

Vikrant Kumar

Romance

तुम भौतिकी मेरे जीवन की

तुम भौतिकी मेरे जीवन की

1 min
347




मैं टर्मिनल तेरे आवेशों का,

तुम कुंजी मेरे परिपथ की।


मैं बहता हुआ धारा का प्रवाह,

तुम एम्पियर मेरे आवेग की।


मैं विद्युत उत्सर्जी डेयनमो सा,

तुम संचित ऊर्जा बैट्री की।


मैं व्याख्याता ऊर्जा सरक्षंण का,

तुम भौतिकी मेरे जीवन की।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance