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Rajiv Jiya Kumar

Abstract Romance

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Rajiv Jiya Kumar

Abstract Romance

चाहत

चाहत

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आप प्रीत गीत

सुनिए न मेरी,

         मेरी जिन्दगी आपका प्यार 

         मेरी बंदगी इक आप जाने-यार,

         मेरी अराधना आपकी हँसी

         मेरी साधना आपकी खुशी।।

मेरी खुशी आपकी निगाहें

मेरी जन्नत आपकी बाहें,

मेरी धड़कन आपके गीत 

मेरी चाहत आप मेरे मित।।

         मेरे मित एक आप मेरे अपने

         मेरे सपने आप, तो मेरी जीत,

         मेरा दर्द आपसे बिछुड़ना 

         मेरी राहत आपका मुझे छूना।।

मेरी साँसें आपके बदन की खुशबू 

आरजू बस इतनी हों आप रूबरू,

आवाज यह दिल से आती है

जाने-यार सनम आप ही तो है

जुबां कह कहाँ यह कभी पाती है।।

          आप प्रीत गीत

          सुनिए न मेरी,

          मेरी जिन्दगी आपका प्यार 

          मेरी बन्दगी आपका प्यार।।

          

 



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