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Annu Jain

Romance

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Annu Jain

Romance

आओ न तुम

आओ न तुम

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बन जाओ न साया

 कहीं दिल न टूट जाये

बन जाओ न इश्क़ मेरा

 कहीं मैं बिखर न जाऊं

बिखरा हुआ है ख्वाब मेरा

 समेटने तुम आओ न हक़ीक़त बन के

आज जरूरत है तेरी मुझे

 तुम हमदम बन के आओ न

आओ न बन के एहसास मन मे

 जो न मिटने वाला बन जाये न

रोक दो न मेरे उदासी को

 खुशी मेरी बन जाओ न!



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