आओ न तुम
आओ न तुम
बन जाओ न साया
कहीं दिल न टूट जाये
बन जाओ न इश्क़ मेरा
कहीं मैं बिखर न जाऊं
बिखरा हुआ है ख्वाब मेरा
समेटने तुम आओ न हक़ीक़त बन के
आज जरूरत है तेरी मुझे
तुम हमदम बन के आओ न
आओ न बन के एहसास मन मे
जो न मिटने वाला बन जाये न
रोक दो न मेरे उदासी को
खुशी मेरी बन जाओ न!

