यात्रा.... 'अंतिम पड़ाव पर..!
यात्रा.... 'अंतिम पड़ाव पर..!
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हाँ...!
मिलेंगे हम
मेरे जीवन के
अंतिम पड़ाव पर
जब मैं
अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त
आख़िरी
सफ़र की शुरुआत करूँगी
तब तुम
किसी मोड़ पर
मिलना...
और...
मैं
अपने करबद्ध कर
तुम्हारा अभिवादन कर
स्वयं को...!
तब तक
अंतिम सोच बन
मेरे शब्द की
नदी बन कर
प्रवाहित रहना
मेरे हृदय में...
बोलो...
रहोगे ना...??