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Dibakar Karmakar

Tragedy

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Dibakar Karmakar

Tragedy

वो आखरी दिन--II

वो आखरी दिन--II

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इस छोटे से घर से जाने के बाद

किसी के साथ नहीं रहेगा हमारा कोई भी रिश्ता

पर हम जहां कहीं भी होंगे मिलते रहेंगे

याद करने के लिए किया हुआ वो हर एक वादा।


यारों हम जहां कहीं भी होंगे

याद करेंगे बीते हुए वह हर एक पल की मस्ती

जिंदगी के हर एक सफर में

काम आती है सिर्फ एक यारी दोस्ती।


वो आखरी दिन जब आयेगा

वादा करते है उसके बाद भी एक साथ रहेंगे

यारों ये दोस्ती हम कभी नही तोड़ेंगे

एक साथ आये थे इस छोटे से घर में

एक साथ यहाँ से चले जायेंगे।


यारों सब कहते हैं कि

इस दुनिया में कोई रहे या ना रहे लेकिन रहता है एक दोस्त

आपने आप को चारों तरफ घुमा के देखो

हर वक़्त,हर पल,साथ निभाने के लिए रहता है।

एक दोस्त हां ,रहता है एक दोस्त।


वो आखरी दिन जब आयेगा

वादा करते हैं उसके बाद भी एक साथ रहेंगे

यारों ये दोस्ती हम कभी नही तोड़ेंगे

एक साथ आये थे इस छोटे से घर में

एक साथ यहाँ से चले जायेंगे।


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