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Dibakar Karmakar

Abstract

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Dibakar Karmakar

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गलतियां

गलतियां

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ना जाने क्यूँ 

हम गलतियां कर लेते हैं,

अपने गलतियों की साजा

ना जानते हुए किसी और को दे जाते हैं।


गलतियां तो होंगी हमसे

उन गलतियों से पछताना हमको ही है,

सिर्फ पछताना नेही है

उन गलतियों को सुधारना भी हमको ही है।


हमे सही रास्ता नेही मिलता

सही दिशा नेही मिलती,

सही रास्ते से भटक के

हो जाती है हमसे गलती।


इश्क़,प्यार,मोहब्बत

धोका दे या ना दे,

हर वक़्त निराशा हमे

हमारे अपनों से हे मिलती।


गलतियां करेंगे नही कभी

तो सीखेंगे उन गलतियों से कैसे,

एक छोटा बच्चा गलती करते करते

चलना सीखता है जैसे।



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