है एक महामारी
है एक महामारी
महामारी दिखाई नहीं देती
बस अपना काम करके निकल जाती है,
थोड़ा सब्र करो, थोड़ा घर पे बैठो
अंधेरे के बाद रौशनी ज़रूर आती है।
महामारी में पूरा देश स्तब्ध है
महामारी में पूरी दुनिया लाचार है,
पूरे देश में भूख के कारण
ग़रीबों में हा हाकार है।
हिन्दू मुस्लिम ना करके
अब हमें अपनी एकता दिखानी है,
इस महामारी से सिर्फ अपने आप को ही नहीं
पूरे हिंदुस्तान को बचाना है।
ये महामारी पूरी दुनिया को कमजोर कर रही है
ये महामारी पूरी मानवता को कमजोर कर रही है,
उसके बाद भी कुछ लोग है
जो दुनिया को बचाने में आगे आ रही है।