फिर धकेला जाता है जीव जीने के लिए यहां से वहाँ दो दरवाजे पर। फिर धकेला जाता है जीव जीने के लिए यहां से वहाँ दो दरवाजे पर।
दो बूँद दो बूँद
ये हसीँ बरसात की घड़ी दो घड़ी, प्यार की सौगात की घड़ी दो घड़ी। ये हसीँ बरसात की घड़ी दो घड़ी, प्यार की सौगात की घड़ी दो घड़ी।
एक नयी कभी पुरानी सी, ढूंढता रहा हूँ उस तलाश को, पाके उसे खुश था पल दो पल , फिर आँखो एक नयी कभी पुरानी सी, ढूंढता रहा हूँ उस तलाश को, पाके उसे खुश था पल दो पल ...
आखिर ये कब तक आज बस दो शब्द। आखिर ये कब तक आज बस दो शब्द।
ज़िंदगी कभी छोड़ देती है ऐसी दो-राहों में ... ज़िंदगी कभी छोड़ देती है ऐसी दो-राहों में ...