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Pradeep Rajput "Charaag"

Romance

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Pradeep Rajput "Charaag"

Romance

घड़ी दो घड़ी।

घड़ी दो घड़ी।

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ये हसीँ बरसात की घड़ी दो घड़ी,

प्यार की सौगात की घड़ी दो घड़ी।


आजा दामन से मुझे लग़ा ले ज़रा,

आई मिलन रात की घड़ी दो घड़ी ।


जीत जाऊँ पाके ऎ मिरे हमनशीं ,

थक न जाना मात की घड़ी दो घड़ी।


बिन तिरे आयॆ मुझे ये कैसे सुकूँ ,

जिन्दगी ये साथ की घड़ी दो घड़ी ।


चाँद आया तारों की ये बारात है,

चाँदनी इस रात की घड़ी दो घड़ी।



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