आया
आया
वादियों में चाँद पूरा निकल आया,
बात करने को ये दिल फ़िर मचल आया।
चाँदनी से दमकता चेहरा तेरा,
रंग मेरी चाहतों का निखर आया।
इस जमीं पर रश्मियाँ जब बिखेरी हैं,
इक नदी में भी कमल आज खिल आया।
अंगड़ाई झूमकर भंवरे ने ली,
लव भरे वो चूमकर होंठ सिल आया।
चाहतों को दूरियों में पिरोकर हम,
इक जगह बैठे रहे आज मिल आया।