I'm Radheshyam sahu and I love to read StoryMirror contents.
मैं ललचाई आंखों से शहर को देख रही थी और तुम ..मेरे चेहरे पर तैरती सुकून को मैं ललचाई आंखों से शहर को देख रही थी और तुम ..मेरे चेहरे पर तैरती सुकून को
और जिसके कभी पूरे होने के आस में वो जीये चले जा रही है। और जिसके कभी पूरे होने के आस में वो जीये चले जा रही है।