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नवीन जोशी 'नवा'

Romance

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नवीन जोशी 'नवा'

Romance

ग़ज़ल : बयाँ न तुझ से हुई...

ग़ज़ल : बयाँ न तुझ से हुई...

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बयाँ न तुझ से हुई गो मैं वो कहानी हूँ,

मुझे पता है तुझे याद मुँह-ज़बानी हूँ।


वो एक नाम रुका है जो तेरे होठों पर,

जो तेरी आँख में ठहरा है मैं वो पानी हूँ।


तेरा पता न बदलता तो तुझ को मिल जाता,

मैं बीते वक़्त की भेजी हुई निशानी हूँ।


हूँ तेरी ज़ात में साकित अगर तू थम जाए,

अगर तू बहने लगे तो तेरी रवानी हूँ।


मुझे लिखा ही गया था बराए चश्म तेरी,

तेरे पढ़े बिना मैं हर्फ़-ए-बे-मआ'नी हूँ।


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