मेरे अहसास
मेरे अहसास
मेरे अहसासों के इतने करीब हो तुम,
कि ये बन्द आंखे देख लेतीं हैं तुमको
तेरा हँसना औ वो ज़रा सा मुस्कुराना
न बोलकर बहुत कुछ बोलती हो तुम,
मेरे अहसासों के ...
किसी बाग़ मेंं जब खिलते हैं फूल
बिना आहट के रखती हो क़दम तब
उड़ती हुई तितलियां पकड़ती हो तुम
वो किस रंग की है मैं जान जाता हूँ,
मेरे अहसासों के ...
बात करती हो तुम जो कहती नहीं हो
वो बात सारी पहले बोल पड़ता हूँ
सच कहता हूँ दिमाग़ को नहीं पता था
दिल ये शायद पहले से ही जानता है ।
मेरे अहसासों के ...

