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GOPAL RAM DANSENA

Abstract Inspirational

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GOPAL RAM DANSENA

Abstract Inspirational

आज बस दो शब्द

आज बस दो शब्द

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आज बस दो शब्द

लिखना नहीं कुछ ज्यादा है I

आज मानव का क्यों

मरने मारने का इरादा हैI


क्या संस्कार बन सूखे पत्ते

उड़ चले विदेश के रस्ते

वे अपना रहे संस्कार

जी रहे संस्कारी जीवन


यहां हम सुलग रहे

जल रहा पूरा तन मन

आखिर ये कब तक


आखिर ये कब तक

आज बस दो शब्द।


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