निज कर्तव्य करें पूरे
निज कर्तव्य करें पूरे
सबके कर्तव्य निर्वहन में ही हैं,
निहित सब ही के अधिकार।
निभाएं जो सब निज कर्तव्य ,
तभी मिलेंगे सबको अधिकार।
कर्तव्य निभाए बिन बेईमानी है,
इच्छा भी अधिकार की।
कर्तव्य पूरे करके ही करें हम,
मांग खुद अपने अधिकार की।
कर्तव्य हैं क्या हमारे,
चिंता इसकी कम ही लोग करते।
अधिकार याद हर पल,
निज कर्तव्य तो हैं विस्मृत करते।
दोनों हैं जुड़े परस्पर,
यही रीति है यह इस संसार की।
कर्तव्य पूरे करके ही करें हम,
मांग खुद अपने अधिकार की।
सब स्वार्थ -भाव तजकर ,
सब ही निज कर्तव्यों को निभाएंगे।
सबके ही स्वप्न पूर्ण होंगे,
सब ही अपने अधिकार जो पाएंगे।
सब सहायक बनेंगे सबके,
और पाएंगे सहायता संसार भर की।
कर्तव्य पूरे करके ही करें हम,
मांग खुद अपने अधिकार की।
दृढ़ संकल्प करें हम सब,
सदा ही हम निज कर्तव्यों को निभाएंगे।
संतुष्टि निश्चित मिलेगी सबको,
सब निज अधिकार जो मिल पाएंगे।
चिंताएं तो मिटेंगी सबकी और,
खुशियां मिलेंगी सारे ही संसार की।
कर्तव्य पूरे करके ही करें हम,
मांग खुद अपने अधिकार की।
सबके कर्तव्य निर्वहन में ही हैं,
निहित सब ही के अधिकार।
निभाएं जो सब निज कर्तव्य ,
तभी मिलेंगे सबको अधिकार।
कर्तव्य निभाए बिन बेईमानी है,
इच्छा भी अधिकार की।
कर्तव्य पूरे करके ही करें हम,
मांग खुद अपने अधिकार की।
